किसी भी आंदोलन मे प्रचार-प्रसार माध्यम की अहम भूमिका होती है | किन्तु भारत में आज़ादी के पूर्व और बाद, यह संस्था ब्राह्मण-बनिया की बपौती बन गई है | इस संस्था में मूलनिवासी बहुजन समाज का कोई प्रतिनिधीत्व नही है | किस विषयपर चर्चा करना या नही करना यह उनके आंका निश्चित करते है | जिसके कारण मूलनिवासी बहुजन समाज के समस्याओन्का निर्वाहन नही हो रहा है | शत्रू-मित्र कि पहचान न होने के कारण अज्ञानवश वह शत्रू को मित्र और मित्र को शत्रू समज रहा है | यह आन्दोलन के लिये खतरनाक है | हमारे समाज को आंदोलित करना हमारा परम कर्तव्य है | इसलिये समय के साथ चलकर हमने MNT न्यूज नेटवर्क का निर्माण किया है | यह उलगुलान मूलनिवासी बह्जन समाज के लोगों कि आवाज को राष्ट्रीय स्तर पर बुलंद करने का प्रयास है |